वन क्षेत्र रामसनेहीघाट में प्रतिबंधित कटान जोरो पर, शिकायत के बाद भी उच्चाधिकारियों को दे रहे है झूठी रिपोर्ट

वन क्षेत्र रामसनेहीघाट में प्रतिबंधित कटान जोरो पर, शिकायत के बाद भी उच्चाधिकारियों को दे रहे है झूठी रिपोर्ट

  • रामसनेहीघाट वन क्षेत्र के कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवालिया प्रश्न चिन्ह
  • "वन क्षेत्र रामसनेहीघाट में इंचार्ज वन रेंजर मोहित श्रीवास्तव व वन दरोगा वली मोहम्मद खान की कार्यशैली पर उठ रहे प्रश्न चिन्ह वन जिला प्रशासन को दो स्थानों पर हुई प्रतिबन्धित कटान, उच्चाधिकारियों को सूचना दे रहे है एक स्थान की झूठी सूचना देकर वन जिला प्रशासन को गुमराह कर रहे है।"

श्रेयांश सिंह सूरज, विशेष संवाददाता 

बाराबंकी जिले के वन क्षेत्र रामसनेहीघाट के अंसद्रा थाना क्षेत्र के दिलावलपुर चौकी क्षेत्र में प्रतिबन्धित कटान दो स्थानों पर हुई है,कार्यवाही भी हुई तो काम खानापूर्ति के रूप में,वन दरोगा वली मोहम्मद खान ने स्थलीय जांच कर आठ पेंडो में चार पेंड छूल पर कार्यवाही कर इति श्री प्राप्त कर लिए,लेकिन चार पेंड प्रतिबन्धित शीशम पर कार्यवाही न करते हुए लकड़कट्टे के साथ कदम ताल करते नजर आ रहे है,यही नही वन जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों को झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह कर रहे है,सूत्र बताते है कि प्रतिबन्धित शीशम के पेंडो के ठूंठ(तना) को खुदवाने के फिराक में है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, बीते सोमवार की रात सिटकिहन पुरवा में प्रतिबंधित आठ पेड़ लकड़कट्टे ने काट डाले,पुलिस व वन विभाग को भनक तक न लगी जिससे गस्त की पोल खुलती नजर आई।सूचना पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई का दावा तो किया, लेकिन मंगलवार को देर शाम तक विभाग के कर्मचारी चार पेड़ छूल की कटने की सूचना उच्चाधिकारियों को दिया है।

बताते चले कि पूरा मामला रामसनेहीघाट वन रेंज के असंद्रा थाना क्षेत्र के दिलावलपुर चौकी क्षेत्र के सिटकिहनपुरवा गांव का है।  जहां विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से नदी के किनारे जंगल में प्रतिबंधित चार शीशम व चार छूल के पेंड़ वन माफिया काटकर उठा ले गए।ग्रामीणों की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने मंगलवार को जांच की। जिसमें चार छूल के पेड़ों पर कार्यवाही की बात हल्का दरोगा वली मोहम्मद ने कही है।वही प्रतिबंधित चार शीशम के पेड़ों के कटने की सूचना से इंकार किया है।जोकि चर्चा का विषय बना हुआ है। हल्का दरोगा वली मोहम्मद ने बताया कि प्रतिबंधित आठ पेड़ों में से चार पर कार्रवाई की जा रही है।वहीं शीशम के पेड़ों के ठूंठ को पुनः बुधवार को खोजने की बात कही थी जिसकी पुष्टि भी हुई,वन दरोगा ने बताया सम्भवतः मुशीर ठेकेदार द्वारा बीते सोमवार की रात में आठ पेंड काटे गए है,जब दूरभाष पर वन दरोगा से कार्यवाही के सम्बंध में बात की गई तो साधारण तौर पर मुकदमा लिखने की बात कही!

वही बुजुर्ग किसान ने गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि घर बनाने के दौरान शीशम का पेड़ घर के अंदर पड़ने पर काटने के जुर्म में गिरफ्तारी करते हुए,जुर्माना से अधिक वसूल रकम लेने का आरोप लगाया है, बुर्जुग किसान ने वार्ता के दौरान बताया कि कई बार परमिट के लिए रामसनेहीघाट वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय गये लेकिन कभी साहब ने मिले तो कभी, कभी अभिलेखों में कमी रह गई, वो कमी पूरी नही हो सकी क्योंकि ठेकेदार द्वारा न कोई अभिलेख न कोई कागज होता है धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेंडो की कटान की जाती है, जिससे साफ जाहिर है कि इंचार्ज वन रेंजर व वन दरोगा की संलिप्तता से इंकार नही किया जा सकता है।जानकारी के मुताबिक बाँसूपुर में तीन हरे भरे प्रतिबन्धित आम,बोदवा में एक आम, सिटकिहनपुरवा में चार शीशम व चार छूल, अंदई में एक शीशम पर ठोस कार्यवाही न होने से लकड़कट्टे के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। झूठी रिपोर्ट के सामने वन जिला प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है, प्रकरण में वन जिला प्रशासन कितना खरा उतरता है ये तो समय के गर्भ में है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ